हद से ज्यादा भी प्यार मत करना
दिल हर एक पे निसार मत करनाhad se jayada bhi pyar mat karna
dil har ek pe nisar mat karnaक्या खबर किस जगह पे रुक जाये
सास का एतबार मत करनाkya khabar kis jagah pe ruk jaye
sas ka etbaar mat karnaआईने की नज़र न लग जाये
इस तरह से श्रृंगार मत करनाaaine ki nazar n lag jaye
is tarah se shringar mat karnaतीर तेरी तरफ ही आएगा
तू हवा में शिकार मत करनाteer teri taraf hi aayega
tu hawa me shikar mat karnaडूब जाने का जिसमे खतरा है
ऐसे दरिया को पार मत करनाdoob jane ka jisme khatra hai
aise dariya ko paar mat karnaदेख तौबा का दर खुला है अभी
कल का तू इंतज़ार मत करनाdekh touba ka dar khula hai abhi
kal ka tu intzaar mat karnaमुझको खंज़र ने ये कहाँ है एजाज़
तू अँधेरे में वार मत करना – कमर एजाज़mujhko khanzar ne ye kaha hai ejaz
tu andhere me war mat karna – Qamar Ejaz
धोखा वफ़ा की राह में खाएं है हम ज़रूर
लेकिन किसीके साथ में धोखा नहीं कियाहमने गुज़ार दी है फकीरी में जिंदगी
लेकिन कभी ज़मीर का सौदा नहीं कियादिल को जला के दी है ज़माने को रौशनी
जुगनू पकडके हमने उजाला नहीं कियाऐबों को मेरे ढाँप दिया आपने हुज़ूर
क्या बात है कि आपने चर्चा नहीं कियाऐ दोस्त और क्या मैं वफ़ा का सबूत दूं
वादा-ए-वफ़ा किया हूँ वादा नहीं कियामयखाना पी गया ‘एजाज़’ ने मगर
लेकिन कभी भी पी के तमाशा नहीं किया.
حد سے زیادہ بھی پیار مت کرنا
دل ہر ایک پے نثار مت کرنا
کیا خبر کس جگہ رک جائے
سانس کا اعتبار مت کرنا
آئینے کی نظر نہ لگ جائے
اس طرح سے سنگار مت کرنا
ہر تیر تیری طرف ہی آئےگا
تو ہوا میں شکار مت کرنا
ڈوب جانے کا جس میں خطرہ ہے
ایسے دریا کو پار مت کرنا
دیکھ توبہ کا در کھلا ہے ابھی
کل کا تو انتظار مت کرنا
مجھ کو کھنجر نے یہ کہ اعجاز
تو اندھیرے میں مار مت کرنا
हमने वतन के वास्ते क्या क्या नहीं किया
और आप कह रहे हैं कि क्या-क्या नहीं किया
हमने धोखा वफा की राह में खाए हैं जरूर
लेकिन किसी के साथ में धोखा नहीं किया
हमने गुज़ार दी फकीरी में ज़िंदगी
लेकिन कभी ज़मीर का सौदा नहीं किया
दिल को जला के दी है ज़माने को रोशनी
जुगनू पकड़ के हमने उजाला नहीं किया
एबों को मेरे ढांप दिया आपने हुजूर
क्या बात है कि आपने चर्चा नहीं किया
ए दोस्त और क्या मैं वफ़ा का सबूत दूं
वादा वफ़ा किया हूं वादा नहीं किया
मयखाना पी गया है एजाज़ ने मगर
लेकिन कभी भी पीके तमाशा नहीं किया
हरगिज़ गलत निगाह से परखा न कर मुझे,
haragiz galat nigaah se parakha na kar mujhe,
मैं तेरा हो चुका हूं सोचा न कर मुझे,
main tera ho chuka hoon socha na kar mujhe,
तनहाइयों में बैठकर तन्हा न कर मुझे,
tanahaiyon mein baithakar tanha na kar mujhe,
मैं घुट कर न मर जाऊं ऐसा न कर मुझे,
main ghut kar na mar jaoon aisa na kar mujhe,
तू मुझको भूल जाए मुझे इसका गम नहीं,
too mujhako bhool jae mujhe isaka gam nahin,
लेकिन खुदा के वास्ते रुसवा न कर मुझे,
lekin khuda ke vaaste rusava na kar mujhe,
एजाज तेरे इश्क में बीमार हो गया,
ejaaj tere ishk mein beemaar ho gaya,
तेरा मरीज ए इश्क हूं अच्छा न कर मुझे,
tera mareej e ishk hoon achchha na kar mujhe.
दिल को जला के दी है ज़माने को रौशनी
जुगनू पकड़ के हमने उजाले नहीं किए
“राख हो जाये गए आग लगाने वाले
राम के देश में सीता को जलने वाले
याद हमें आते है वो हमें टीपू सुल्तान
खून से अपने चरागों को जलने वाले“
नदी के पास में घर गमो का पाला है
खबर मिली है के सैलाब आने वाला है
कोई बाला मेरे पास नहीं आ सकती
मेरी माँ ने मुझे गमो में पाला है
अपनी हद से गुजर जाया कोई
मेरे दिल में उत्तर गया कोई
वो कोई आइना नहीं लेकिन उसको देखा सवर गया कोई
उसका aishan कैसे भूलू गए देके अपना हुनर गया कोई सोच ता हु अपने घर जा क़े इतना
घड़ी भर भी मुझे तन्हा कभी होने नहीं देते
ये मेरे चाहने वाले मुझे सोने नहीं देते।
मेरे सर पर मेरी माँ की दुवाओं के जो साये हैं
सफर में ये कभी हादसा होने नहीं देते ।