तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो,
तैर के दरिया पार करो
फूलों की दुकानें खोलो,
ख़ुशबू का व्यापार करो
इश्क़ ख़ता है तो ये ख़ता
एक बार नहीं सौ बार करो।
जा के ये कह दो कोई शोलो से,
चिंगारी से फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए
हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से।
किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है
आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है
ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था
मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला थामेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना
मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था
हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते-जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते।
जा के ये कह दे कोई शोलों से चिंगारी से
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी सेअपनी हर साँस को नीलाम किया है मैं ने
लोग आसान हुए हैं बड़ी दुश्वारी सेजेहन में जब भी तेरे ख़त की इबारत चमकी
एक खुश्बू सी निकलने लगी अलमारी सेशाहज़ादे से मुलाक़ात तो ना-मुमकिन है
चलिए मिल आते है चल कर किसी दरबारी सेबादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के न लिए
हम ने खैरात भी माँगी है तो खुद्दारी से
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,
कभी धुए की तरह परबतों से उड़ते हैं,
ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,
के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं…
नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैंएक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर केइन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता हैहम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जातेमोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं
अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गएकॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए
चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी हैकहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो,
मुझे आदत है मुस्कुराने की,
मेरी लाश को ना दफ़नाओ,
मुझे उम्मीद है उस के आने की !
उमीदे टूटी तो उमीद करना छोड़ दिया,
सपने टूटे तो सपने देखना छोड़ दिया,
जबसे दिल टूटा है, साँसे तो ले रहे है,
पर अब उन्होंने जीना छोड़ दिया !
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखोउस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है
बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूंबहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं